जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल को लंदन जाकर गोली मरने वाले सरदार उदम सिंह जी का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब प्रांत के संगरूर जिले के सुनाम गाँव में हुआ | बचपन में उन्हें शेर सिंह के नाम से भी जाना जाता था | बचपन में ही माता पिता की मृत्यु हो जाने के कारण उनका बचपन उनके बड़े भाई साधुसिंह के साथ ही बिता | दोनों भाई एक अनाथालय में पले- बढे पर ये भी शायद उनके हिस्से में नहीं था, वर्ष 1917 में उनके बड़े भाई का भई देहांत हो गया और वह पूरी तरह से अनाथ हो गए |
जीवन के संघर्षो का पूरे हौसले से सामना करते हुए उधम सिंह ने 1919 में देश को आज़ाद कराने में भागीदारी देने का निर्णय ले लिया और क्रांतिकारियों के साथ लड़ाई में शामिल हो गए |
जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उन्हें अंदर तक झंझोर दिया ब्रिटिश सरकार के इस हिंसक कदम ने उनके अंदर प्रतिशोध की भावना को जगा दिया और भारत की आज़ादी के लिए कुछ भी कर गुजरने की आग ने उनके अंदर जन्म लिया | उन्होंने गर्वनर जनरल को मरने की प्रतिज्ञा ली और इसको पूरा करने का मौका उन्हें 1940 की रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की मीटिंग में मिला , तब उधम सिंह जी ने लंदन जाकर गवर्नर जनरल की गोली मारकर हत्या कर दी |