लखनऊ जनकल्याणकारी समिति के जनसेवक दिलीप श्रीवास्तव जी ने बताया कि लखनऊ सेंट्रल बार एसोसिएशन के चुनाव में नारेबाजी, भारी भीड़ पर प्रतिबंध के लिए एवं आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र दिया गया।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कुछ नियम बनाए जाते हैं। इन नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पार्टियों, नेताओं और सरकारों को इन नियमों का खासतौर पर पालन करना होता है।
भारतीय चुनाव आयोग की आदर्श चुनाव आचार संहिता राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के लिये बनायी गयी एक नियमावली है जिसका पालन चुनाव के समय आवश्यक है। चुनाव आयोग चुनाव से पहले इसके लागू होने की घोषणा करता है और चुनाव के बाद इसके समाप्त होने की। यह सरकार, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों तथा जनता को दिये गये निर्देश हैं, जिसका पालन चुनाव के दौरान किया जाना जरूरी है। चुनाव आचार संहिता चुनाव की तिथि की घोषणा से लागू होता है और यह मतदान के परिणाम आने पर समाप्त हो जाता है। चुनाव आचार संहिता संविधान में वर्णित नहीं किया गया है,अपितु यह एक क्रमशः प्रक्रिया का परिणाम है। इसका प्रवर्तन एक चुनाव आयुक्त एन.शेषण द्वारा किया गया है। चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत अनेक बातें शामिल है-
1.सरकार के द्वारा लोक लुभावन घोषणाएँ नहीं करना।
2.चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न करना।
3.राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के द्वारा जाति, धर्म व क्षेत्र से संबंधित मुद्दे न उठाना।
4.चुनाव के दौरान धन-बल और बाहु-बल का प्रयोग न करना।
5.आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी व्यक्ति को धन का लोभ न देना।
6.आचार संहिता लागू हो जाने के बाद किसी भी योजनाओ को लागू नहीं कर सकते।