पूर्व पार्षद एवं अधिवक्ता दिलीप श्रीवास्तव जी ने बताया कि आज 7 बजे शिवशक्ति पीठ शनिदेव मंदिर निकट लेखराज मेट्रो स्टेशन इंदिरा नगर लखनऊ में आरती के उपरांत भक्तों द्वारा फूलों की होली का आयोजन किया गया. जिसमें अधिक संख्या में भक्तगण शामिल होकर फूलों की होली का आनंद लिए.
बताते चले कि होली आते ही फिजा में एक अलग ही खुमारी छा जाती है. मन के अंदर लाल-पीले, नीले रंगों की तरंग उठने लगती है. फूलवाली होली के दौरान, भक्त फूलों और फूलों की प्राकृतिक डाई से बने रंगों के साथ त्यौहार खेलते हैं. हर मंदिरों में होली के अवसर पर भक्तों का सैलाब एकत्रित होता हैं, जहां मंदिरों में एक पुजारी भक्तों पर रंग-बिरंगे फूलों की वर्षा करता है. यह एक बहुत ही लोकप्रिय उत्सव है जिसमें आगंतुकों की भारी भीड़ उमड़ती है.
गौरतलब है कि ‘रंगों के त्यौहार’ के तौर पर मशहूर होली का त्योहार फाल्गुन महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. तेज संगीत और ढोल के बीच एक दूसरे पर रंग और पानी फेंका जाता है. भारत के अन्य त्यौहारों की तरह होली भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. होली वसंत का त्यौहार है और इसके आने पर सर्दियां खत्म होती हैं. कुछ हिस्सों में इस त्यौहार का संबंध वसंत की फसल पकने से भी है. किसान अच्छी फसल पैदा होने की खुशी में होली मनाते हैं. होली को ‘वसंत महोत्सव’ या ‘काम महोत्सव’ भी कहते हैं.