पूर्व पार्षद एवं अधिवक्ता दिलीप श्रीवास्तव जी ने रंगभरी होली के पावन पर्व पर सभी क्षेत्र वासियों व देश वासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी. दिलीप श्रीवास्तव जी ने रंगों के इस पर्व पर सभी को सन्देश देते हुए कहे कि आप सभी लोगों को भेदभाव, नकारात्मकता और द्वेष का दहनकर रंगों के त्यौहार का आनंद लेना चाहिए और साथ ही सभी के सुखद जीवन के लिए समृद्धि, खुशियों की कामना की .
बताते चले कि होली रंगों का तथा हँसी-खुशी त्यौहार है. यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्यौहार है, रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है. पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं. दूसरे दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं, लोग एक दूसरे पर रंग,अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं. और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं. एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है. इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं.