लखनऊ के मैथिलीशरण गुप्त वार्ड से पूर्व पार्षद जनसेवक दिलीप श्रीवास्तव ने आज अपने समर्थकों के साथ मिलकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपने वार्ड के विभिन्न हिस्सों में सघन जनसंपर्क अभियान चलाया। दिलीप श्रीवास्तव जी ने इस मौके पर आवाज उठाते हुए कहा कि हाउस टैक्स, जल कर, सफाई व्यवस्था इत्यादि हर मुद्दे को लेकर हर व्यक्ति की सुनवाई आज तक होती आई है।
दिलीप जी सदन में बिना किसी लाग-लपेट के प्रमुखता से जनता की आवाज उठाते हैं और भ्रष्टाचार को लेकर भी वह जनता के साथ हैं। उन्होंने स्थानीय विधायक आशुतोष टंडन गोपाल को लेकर भी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। चीनी कंपनी के कूड़ा कलेक्शन में लिप्त भ्रष्टाचार को लेकर दिलीप जी ने मुद्दा उठाया था, जो कुछ लोगों को बहुत अखरा भी था लेकिन उन्होंने अपनी बात हमेशा स्पष्टता के साथ रखा है।
जनता की समस्याओं को दिलीप जी ने अपने वकालत के अनुभव के साथ रखा है और इसी कारण जन समुदाय हमेशा उनके साथ खड़ा है। शेखर अस्पताल का मसला हो, गाजीपुर गांव को बचाने का मामला हो या कोरोना काल में जनता की सेवा करना हो, भूतनाथ कार्यालय में जनसेवा के लिए दिलीप जी हमेशा खड़े रहे हैं। अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान दिलीप जी ने भाजपा से पार्षद पद के लिए खड़े नहीं होने पर बताया कि आपसी द्वेष के चलते विधायक ने उन्हें टिकट देने से रोका है, इसलिए राष्ट्रीय नेतृत्व ने मजबूर होकर टिकट देने में कदम पीछे हटा लिए।
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को पार्षद पद के चुनावों के लिए खड़ा किया गया है, उस पर अनेकों मुकदमे दर्ज है, नशे को समर्थन देने वाले व्यक्ति को टिकट मिला है। लेकिन जनता को दिखाना है कि वोट विकास के नाम पर मिलेगा, उगते सूरज को मिलेगा, काम के लिए और समर्पण के लिए मिलेगा। इस संघर्ष की घड़ी से जो चिंगारी निगलेगी, उसके बलबूते ही जनता अपना प्रतिनिधि तय करेगी।