भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व पार्षद श्री दिलीप श्रीवास्तव ने लखनऊ नगर निगम के सदन की बैठक में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज जब समाचार पत्रों में लखनऊ नगर निगम की बैठक में मुद्दे उठाने की बात होती है, तो उन्हें 12 अक्टूबर 2020 की अपनी भूमिका याद आती है। उन दिनों, जब वह पार्षद थे, उन्होंने क्षेत्र की जनता और पूरे लखनऊ से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए थे।
श्री दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि उस बैठक में उन्होंने निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों को उठाया था:
लखनऊ के बाग और पार्क: लखनऊ को बागों और पार्कों का शहर कहा जाता था। 1950 तक यहाँ लगभग 288 पार्क और बाग थे। लेकिन अब, 57 लाख की जनसंख्या वाले शहर में सुनियोजित और सुव्यवस्थित योजना की कमी है। जलनिगम और अन्य विभागों की खुदाई ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
नगर निगम का कंट्रोल रूम: जन समस्याओं के निवारण के लिए जर्जर नगर निगम की कंट्रोल रूम की व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है।
शमशान घाट का विस्तार: शमशान घाट भैसाकुण्ड में बच्चों के शव दफनाने के लिए स्थल का विस्तार कराने के लिए सिचाई विभाग से वार्ता की जाए।
रोड कटिंग और जल कल विभाग: रोड कटिंग के समय जल कल विभाग की अनापत्ति सुनिश्चित की जाए।
कोरोना काल में व्यापारियों की स्थिति: कोरोना काल में आर्थिक रूप से परेशान व्यापारियों पर कड़ाई न की जाए और उन्हें व्यवसायिक कर जमा करने के लिए समय दिया जाए।
कोरोना और डेंगू से बचाव: कोरोना काल में व्यवस्थित रूप से सेनेटाइजेशन और डेंगू से बचाव के लिए एन्टी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग की व्यवस्था की।
कूड़ा कलेक्शन में सुधार: डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में फेल चीनी कंपनी इको ग्रीन का अनुबंध निरस्त किया जाए।
श्री दिलीप श्रीवास्तव ने कहा कि ये मुद्दे उस समय उठाए गए थे और उनकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाएगा।